Alleged Neet Paper Leak Case: Sanjeev Mukhiya, Rocky; Eou Submitted Report To Cbi; E-rickshaw, Bihar Police, – Amar Ujala Hindi News Live


Alleged NEET paper leak case: Sanjeev Mukhiya, Rocky; EOU submitted report to CBI; E-Rickshaw, Bihar Police,

सीबीआई
– फोटो : पीटीआई

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कथित नीट पेपर लीक केस में बड़ा खुलाासा हुआ है। अब तक की जांच के अनुसार, पेपर लीक गैंग के मास्टरमाइंट संजीव मुखिया के भांजे राकेश उर्फ रॉकी ने झारखंड से नीट के पेपर उड़ाने की साजिश रची थी। वह रांची में रेस्टोरेंट चलाता है। ईओयू सूत्रों की मानें तो रॉकी ने ही पेपरलीक केस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उसने हजारीबाग से पेपर उड़ाने की साजिश रची। इसके बाद रांची और पटना के स्कॉलर मेडिकल स्टूडेंट की मदद से पेपर सॉल्व करवाया। इस बीच संजीव मुखिया और सिकंदर यादवेंदु कई बार रांची में रॉकी से मिलने गए थे। 

ईओयू ने सहरसा निवासी एक अभ्यर्थी से पूछताछ की

ईओयू की जांच में यह भी पता चला कि पांच मई को प्रश्न पत्र उड़ाने के बाद सॉल्व करवाया गया। इसके बाद इसे पटना में चिंटू उर्फ बलदेव के सोशलमीडिया पर भेजा गया। इन सब के लिए माफियाओं ने पिछले कई महीनों से तैयारी की थी। इधर, सोमवार को ईओयू ने सहरसा निवासी एक अभ्यर्थी से पूछताछ की। करीब ढाई घंटे तक अभ्यर्थी और उसके अभिभावक से पूछताछ चली। इस दौरान छात्र ने कई खुलासे किए। अब इस मामले में संजीव मुखिया, राकेश उर्फ रॉकी आशुतोष, मनीष प्रकाश, समेत कई लोग फरार चल रहे हैं। 

परीक्षा केंद्र भेजने के दौरान ही नीट का पेपर उड़ाया गया था

सोमवार को दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने ईओयू के अधिकारियों से मामले की जानकारी ली। ईओयू ने कथित नीट यूजी प्रश्नपत्र लीक कांड की पूरी जांच रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी। वहीं ईओयू की जांच में यह खुलासा हुआ कि नीट यूजी 2024 का पेपर केवल एक ड्राइवर के भरोसे तीन मई को कूरियर कंपनी के ई-रिक्शा से प्रश्न पत्र को एसबीआई बैंक भेज दिया गया। ईओयू की टीम जब जांच करने पहुंची तो कुरियर कंपनी का संचालक फरार था। सूत्रों की मानें तो पांच मई को प्रश्नपत्र बैंक से परीक्षा केंद्र भेजने के दौरान ही नीट का पेपर उड़ाया गया था। एनटीए के नियम के मुताबिक प्रश्न पत्र को सीधे रांची से हजारीबाग स्थित एसबीआई बैंक भेजना था। कुरियर कंपनी ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट से पेपर को रांची से हजारीबाग स्थित अपने दफ्तर मंगवा लिया। इसके बाद पांच मई को ई-रिक्शा से इसे सेंटर (ओएसिस स्कूल) पर भेजा गया। जांच में पता चला कि परीक्षा केंद्र पर पहुंचने से पहले ही डिजिटल लॉक को खोला जा चुका था। इसलिए परीक्षा केंद्र पर वह खुद से नहीं खुला। अंत में इसे कटर से काटकर खोला गया।  



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