

रामलला ने पहले खादी वस्त्र।
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रामलला के दरबार में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ नौ दिवसीय अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। रामलला को पहले दिन विशेष वस्त्र धारण कराए गए। चांदी की चौकी पर कलश स्थापित कर पूजा-अर्चना का क्रम प्रारंभ किया गया।
श्रीराम जन्मभूमि में भी चैत्र नवरात्र के अवसर पर मंगलवार से नौ दिवसीय अनुष्ठान शुरू हो गया है। इस दौरान पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद गर्भगृह में कलश स्थापना की गई। चांदी की चौकी पर नवरात्र का कलश स्थापित किया गया है। श्रीराम जन्मभूमि के अर्चक आचार्य प्रेमचंद्र ने बताया कि कलश स्थापित कर नौ दिवसीय अनुष्ठान का श्रीगणेश हुआ है। गर्भगृह में नौ दिनों तक देवी आराधना भी की जाएगी।
इससे पहले रामलला का भव्य श्रृंगार किया गया। उन्हें सोने का मुकुट व अन्य आभूषण धारण कराए गए। खादी से निर्मित लाल रंग का वस्त्र पहनाया गया। इस पर सोने व चांदी की छपाई की गई है । कलश स्थापना के साथ रामलला को खीर, पान, फल और मेवे का भोग लगाया गया। इस दौरान ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र व अन्य मौजूद रहे।
रामनवमी मेले का आगाज, अयोध्या में छाया उल्लास
रामनगरी अयोध्या में नव संवत्सर के शुभारंभ के साथ ही रामनवमी मेले का भी शुभारंभ हो गया है। रामनगरी के 8000 मंदिरों में कथा-प्रवचन व अनुष्ठानों के साथ-साथ बधाई गान गूंजने लगे हैं। रामनवमी के पहले दिन अयोध्या में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने सुबह रामलला व हनुमानगढ़ी के दरबार में हाजिरी लगाई और शाम को मठ मंदिरों में हो रहे अनुष्ठान में शामिल होने के लिए निकल पड़े। वहीं मेले को देखते हुए अयोध्या में यातायात डायवर्जन भी लागू कर दिया गया है। उधर मठ मंदिरों में कहीं नवाह पारायण तो कहीं रामचरित मानस का पाठ हो रहा है। साथ ही कथा, प्रवचनों के जरिये भगवान राम की महिमा का गुणगान किया जा रहा है। दशरथ महल में श्रीराम कथा का शुभारंभ महंत देवेंद्र प्रसादचार्य व महंत राम भूषण दास कृपालु ने व्यास पीठ का पूजन कर किया। यहां महंत डॉ. रामानंद दास ने कहा कि राम कथा भवसागर से पार करती है। राम को भजो जीवन सफल हो जाएगा। राम कथा सुनने से जीवन का शुद्धिकरण होता है और सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
वही हिंदू धाम में शुरू हुई राम कथा के क्रम में पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि हनुमान जी के जो 12 नाम स्मरण करता है, वह इस भवसागर से तर जाता है। हनुमान जी की कृपा से ही मंदिर का निर्माण हुआ है। संचालन महंत डॉ. राघवेश दास वेदांती ने किया। हनुमान बाग में कथा का रसपान कराते हुए सुरभि ने कहा कि आज अयोध्या के गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है। अयोध्या पूरे विश्व के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। इसी तरह जानकी महल ट्रस्ट में नौ दिवसीय नवाह परायण का शुभारंभ भी मंगलवार से हुआ है। जानकी महल के ट्रस्टी आदित्य सुल्तानिया ने बताया कि सप्तमी से मंदिर में रोज बधाई गान का भी आयोजन होगा।