एनएचआरसी ने लिया संज्ञान
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मुजफ्फरपुर रेल पुलिस ने बीते दिनों चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले को एनएचआरसी ने संज्ञान लेते हुए बिहार राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी बिहार को तलब किया है। साथ ही एनएचआरसी ने इस मामले में चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। दरअसल बीते दिनों ट्रेन से बड़ी संख्या में नाबालिग बच्चों को मजदूरी करने को लेकर ले जाया जा रहा था। लेकिन रेल पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए सभी बच्चो को मुक्त कराया था। इस मामले में पुलिस ने मानव तस्करी से जुड़े माफियाओं को भी गिरफ्तार किया गया था। 21 बच्चो को किया गया है रेस्क्यू इस संबंध में मानवाधिकार के अधिवक्ता डॉ एसके झा ने बताया कि इस गंभीर मामले में आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की जिसमे आयोग ने एनएचआरसी और बीएचआरसी को इस मामले में अवगत कराया गया था, जिस मामले में अब एनएचआरसी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से चार हफ्ते में रिपोर्ट देने की मांग की है।रेल पुलिस ने बीते दिनों 21 बच्चो को रेस्क्यू करके मुक्त कराया था। इस दौरान में कई माफियाओं को गिरफ्तार किया गया है। इन जिलों से ले जाते हैं नाबालिग बच्चे शिकायतकर्ता का कहना है कि 21 बच्चों को मानव तस्करों से बचाया गया था। ये बच्चे बिहार और बंगाल के सीमावर्ती जिलों कटिहार, अररिया और उत्तर दिनाजपुर के थे। उन्हें सहारनपुर के होटलों और लुधियाना की प्लाइवुड फैक्ट्रियों में काम करने के लिए ले जाया जा रहा था। शिकायतकर्ता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मामले की गहन जांच करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तस्करों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। शिकायतकर्ता ने कहा कि मुजफ्फरपुर और नेपाल की सीमा से लगे बिहार के जिलों में मानव तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। शिकायत की एक प्रति मुख्य सचिव को भेजा गया। बिहार सरकार और पुलिस महानिदेशक से चार सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई के रिपोर्ट की मांग की गई है।