Elon Musk Tesla Car
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एलन मस्क रविवार को अचानक चीन दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की। अब मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि मस्क चीन में उनकी टेस्ला कारों पर लगे प्रतिबंध को हटवाने के लिए बातचीत करने चीन दौरे पर हैं। दरअसल चीन को डर है कि टेस्ला की कारों से चीन की जासूसी की जा सकती है। यही वजह है कि चीन में संवेदनशील इलाकों में टेस्ला की कारों को ले जाने पर पाबंदी है। टेस्ला को लगता है कि इससे उनकी कारों की बिक्री पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। चीन में टेस्ला की कारों पर पहले सैन्य ठिकानों के आसपास जाने की मनाही थी, लेकिन अब एग्जीबिशन हॉल, अहम राजनीतिक इलाकों में जाने पर भी टेस्ला की कारों पर रोक लगा दी गई है। एलन मस्क इसी प्रतिबंध को हटवाने के लिए चीन दौरे पर हैं।
चीन परिषद के बुलावे पर बीजिंग पहुंचे मस्क
चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, एलन मस्क चीन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार बढ़ाने वाली परिषद (CCPIT) के बुलावे पर बीजिंग पहुंचे हैं, जहां वे परिषद के अध्यक्ष रेन होंगबिन से भी मुलाकात करेंगे और टेस्ला और चीन के बीच आगे से सहयोग पर चर्चा करेंगे। एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कारें बनाने वाली कंपनी टेस्ला चीन में काफी लोकप्रिय है। मस्क ने 2020 में चीन के शंघाई में 7 अरब डॉलर की लागत से ईवी कार बनाने वाली फैक्ट्री भी स्थापित की थी। मस्क की कंपनी चीन में प्रीमियम श्रेणी की इलेक्ट्रिक कारें बनाती हैं, लेकिन बीते कुछ समय से चीन की ईवी कार बनाने वाली कंपनियों से टेस्ला को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है।
भारत पर भी है मस्क की नजर
ऐसे में चर्चा थी कि मस्क अब भारत के उभरते बाजार में अपनी पहुंच बनाना चाहते हैं। इसी उद्देश्य से एलन मस्क बीते दिनों भारत दौरे पर आने वाले थे और यहां उनकी मुलाकात पीएम मोदी से भी होनी थी। हालांकि ऐन वक्त पर मस्क ने भारत का दौरा टाल दिया था। अब मस्क के चीन दौरे से कयासों का बाजार गर्म है। बताया जा रहा है मस्क अब चीन के बाजार में ड्राइवर रहित कारों की तकनीक पर फोकस करना चाहते हैं। पहले से ही आर्थिक मोर्चे पर जूझ रही चीन की सरकार नहीं चाहती कि टेस्ला जैसा बड़ा ब्रांड चीन की बजाय अन्य देशों के बाजार पर फोकस करे। चीन में मस्क को काफी सम्मान दिया जाता है और चीन की सरकार के शीर्ष नेताओं से कई बार मस्क मिल चुके हैं।
ऐसी खबरें हैं कि एलन मस्क को अगर चीन की सरकार से समर्थन मिलता है तो वे चीन में ईवी कारों का एक और प्लांट लगाने पर विचार सकते हैं। मस्क के मौजूदा दौरे को चीन द्वारा मस्क को लुभाने के तौर पर भी देखा जा रहा है।