मां वैष्णो देवी यात्रा के पारंपरिक मार्ग पर अर्धकुंवारी क्षेत्र में लगी आग
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जम्मू-कश्मीर के जंगलों में लगी आग बेकाबू है। आग हर दिन नए इलाकों में फैल रही है। इससे न सिर्फ करोड़ों रुपये की वन संपदा को नुकसान हो रहा है, बल्कि बड़ी संख्या में राष्ट्रीय पक्षी मोर के साथ अन्य वन्य जीव भी चपेट में आ रहे हैं। कुछ इलाकों में आग रिहायशी इलाकों में भी पहुंच गई है।
मां वैष्णो देवी यात्रा के पारंपरिक मार्ग पर अर्धकुंवारी क्षेत्र के लंबी केरी में भी आग भड़क गई। हालांकि, इस पर चार घंटे की मशक्कत के बाद काबू पा लिया गया। राजोरी के डंगू ब्लॉक में एक स्कूल इसकी चपेट में आ गया। रियासी के ध्यानगढ़ में बने सलाल डैम की ओर जाने वाले सड़क के किनारे के जंगलों में आग लग गई। कठुआ के रामकोट, बिलावर व बसोहली में रुक-रुक कर जंगल सुलग रहे हैं। उधमपुर के घोरडी ब्लॉक के दया धार इलाके में तीन दिन से लगी आग से निपटने के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टरों को तैनात करने की प्रशासन से अपील की गई है। इस बीच रियासी में आग लगाने वाले दो लोगों की शिनाख्त कर ली गई है।
उधमपुर जिले के गंगेरा हिल के जंगलों में रविवार को आग लग गई। उधमपुर के ब्लॉक वन अधिकारी भारम दत्त शर्मा ने बताया, आग सुबह लगी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे और आग बुझाना शुरू कर दिया। आग पर अब तक काबू नहीं पाया जा सकता है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, आग ने बहुत नुकसान पहुंचाया है। जंगल का एक बड़ा हिस्सा जलकर खाक हो गया है। लकड़ी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों में करोड़ों रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है। जिले के घोरडी ब्लॉक के दया धार के जंगलों में तीन दिनों से एक और बड़ी आग लगी हुई है। यह तेजी से आगे बढ़ रही है।