Jobs Increased In Six Years Of Modi Government Unemployment Decreased Ilo – Amar Ujala Hindi News Live


Jobs increased in six years of Modi government unemployment decreased ILO

नरेंद्र मोदी
– फोटो : एएनआई (फाइल)

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लोकसभा चुनाव में इस बार रोजगार एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। खासकर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट के बाद, जिसमें दावा किया गया है कि भारत के बेरोजगार कार्यबल में 83 प्रतिशत युवा हैं। लेकिन अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त सरकारी आंकड़ों का विश्लेषण करने पर सामने आया है कि मोदी सरकार के पिछले कुछ वर्षों के दौरान नौकरियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और बेरोजगारी की दर में गिरावट दर्ज की गई है।

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), नेशनल करियर सर्विसेज (एनसीएस) पोर्टल और केंद्र सरकार की विभिन्न रोजगार केंद्रित योजनाओं के आंकड़े नौकरियों में वृद्धि और बेरोजगारी दर में गिरावट दर्शाते हैं। पीएलएफएस का पिछले छह साल का आंकड़ा श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) और श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में सुधार की प्रवृत्ति का संकेत देता है। इसके आंकड़ों से पता चलता है कि देश में रोजगार 2017-18 के 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 56 प्रतिशत हो गया है।

छह वर्षों में बेरोजगारी दर में गिरावट 

इसी तरह, श्रम बल भागीदारी भी 2017-18 के 49.8 फीसदी से बढ़कर 2022-23 में 57.9 फीसदी हो गया है। वहीं, इन छह वर्षों की अवधि में बेरोजगारी दर में करीब तीन फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और यह 2017-18 के 6 प्रतिशत से गिरकर 2022-23 में 3.2 फीसदी पर आ गई। आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 में श्रम बल भागीदारी दर 2.7 प्रतिशत के मुकाबले श्रमिक जनसंख्या अनुपात 3.1 प्रतिश की वृद्धि हुई जो मांग की तुलना में अधिक नौकरियों को दर्शाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा गिरी बेरोजगारी दर

2017-18 में ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की दर 5.3 फीसदी थी जो गिरकर 2022-23 में 2.4 फीसदी पर आ गई। वहीं, इस अवधि के दौरान शहरी क्षेत्रों में यह 7.7 फीसदी से कम होकर 5.3 फीसदी रह गई।

युवाओं की बेरोजगारी दर 8% गिरी

युवाओं में बेरोजगारी दर 2017-18 में 17.8 फीसदी थी जो घटकर 2022-23 में 10 फीसदी रह गई। इस दौरान महिलाओं के बीच बेरोजदारी दर में भी उल्लेनीय गिरावट दर्ज की गई और यह 2017-18 में 5.6 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 2.9 प्रतिशत रह गई।

ईपीएफओ से 6.1 करोड़ नए सदस्य जुड़े

ईपीएफओ के आंकड़ों के मुताबिक, बीते छह वर्षों के दौरान ईपीएफओ से 6.1 करोड़ नए सदस्य जुड़े। आरबीआई की ओर से जारी नवीनतम केएलईएमएस डाटाबेस से भी पता चलता है कि 9 वर्षों में देश में अनुमानित रोजगार 2013-14 में 47 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 55.3 करोड़ हो गया है। इसी तरह, कंपनियों और कर्मचारियों को एक मंच पर लाने के लिए सरकार की ओर से शुरू किए गए राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल में 2022-23 की तुलना में 2023-24 में नौकरी रिक्तियों में 214 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।






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