राहुल गांधी और अखिलेश यादव
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को गाजियाबाद में मीडिया से रूबरू हुए। इस मौके पर कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और बागपत के इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी पंडित अमरपाल शर्मा, सपा के पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर भी पहुंचे। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री असली मुद्दों की बात नहीं करते। लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, अखिलेश यादव ने भी भाजपा पर हमला बोला।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘मैं रामनवमी के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देना चाहता हूं। मुझे खुशी है आज हम मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। यूपी में गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर तक भाजपा का सफाया होने जा रहा है। भाजपा की हर बात झूठी निकली। न किसान की आय दोगुनी हुई, न युवाओं को रोजगार मिला, विकास के वादे भी अधूरे हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड ने इनकी पोल खोल दी है। भाजपा भ्रष्टाचारियों का गोदाम बन गई है। लूट और झूठ भाजपा की पहचान बन गई है।’
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘चुनावी बांड ने इनका बैंड बजा दिया। भाजपा सभी भ्रष्टाचारियों का गोदाम बन गई। वे न केवल भ्रष्टाचारियों को (अपनी पार्टी में) ले रहे हैं, बल्कि उनके द्वारा अर्जित धन को भी अपने पास रख रहे हैं।’
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, ‘यह चुनाव विचारधारा का चुनाव है। एक तरफ आरएसएस और भाजपा संविधान और लोकतांत्रिक को खत्म करने की कोशिश कर रही है, और दूसरी तरफ INDI गठबंधन और कांग्रेस पार्टी संविधान और लोकतंत्र को बचाने की कोशिश कर रही है। चुनाव में 2-3 बड़े मुद्दे हैं। बेरोजगारी सबसे बड़ी है और महंगाई दूसरी सबसे बड़ी है, लेकिन भाजपा ध्यान भटकाने में लगी है। न तो प्रधानमंत्री और न ही भाजपा मुद्दों पर बात करती है।’
राहुल गांधी ने कहा, ‘कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने एएनआई को एक बहुत लंबा इंटरव्यू दिया। यह स्क्रिप्टेड था, लेकिन यह फ्लॉप शो था। प्रधानमंत्री ने इसमें चुनावी बांड को समझाने की कोशिश की। प्रधानमंत्री कहते हैं कि चुनावी बांड की व्यवस्था पारदर्शिता के लिए, राजनीति को साफ करने के लिए लाया गया। अगर ये सच है तो सुप्रीम कोर्ट ने उस व्यवस्था को क्यों रद्द कर दिया और दूसरी बात अगर आप पारदर्शिता लाना चाहते थे तो आपने भाजपा को पैसा देने वालों के नाम क्यों छुपाए। आपने उन तारीखों को क्यों छुपाया जिस दिन उन्होंने आपको पैसे दिए थे? यह दुनिया की सबसे बड़ी जबरन वसूली योजना है। भारत के सभी कारोबारी इस बात को समझते और जानते हैं और प्रधानमंत्री चाहे कितनी भी सफाई दे दें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि पूरा देश जानता है कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के चैंपियन हैं।’