Paris Olympics: Indian Women Wrestlers Got Big Success, Anshu Malik And Vinesh Phogat Achieved Quota – Amar Ujala Hindi News Live


Paris Olympics: Indian women wrestlers got big success, Anshu Malik and Vinesh Phogat achieved quota

अंशु मलिक और विनेश फोगाट
– फोटो : twitter

विस्तार


भारत के स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट, अंशु मलिक और रीतिका ने बिश्केक में जारी एशियन ओलंपिक क्वालीफायर में शानदार प्रदर्शन करते हुए इस साल होने वाले पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल कर लिया है। 

रीतिका को भी मिली जीत

अंडर 23 विश्व चैंपियन रीतिका को यूंजू ह्वांग को मात देने में ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा। उन्होंने पहला राउंड तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीता क्योंकि कोरियाई खिलाड़ी के पास रीतिका की क्लास का कोई जवाब नहीं था और उन्होंने मंगोलिया की दावानासन एनख अमर के खिलाफ भी इसी तरह की जीत हासिल की। चीन की जुआंग वांग के खिलाफ अंतिम ग्रुप मुकाबले में रीतिका ने 8-0 की बढ़त बना ली, लेकिन चीनी खिलाड़ी ने वापसी की और लगातार छह अंक हासिल किए। उसने अंतिम क्षणों में एक और चाल चली लेकिन भारतीय खेमे के लिए बड़ी राहत की बात यह रही कि वह अंक नहीं दिया गया क्योंकि वह निर्धारित समय के अंत में आया था। अपने सेमीफाइनल में रीतिक्जा ने चीनी ताइपे की हुई त्सज़ चांग के खिलाफ 7-0 से आसान जीत दर्ज की।

मानसी अहलावत (62 किग्रा) भी अंतिम चार में पहुंच गयी क्योंकि उन्हें सिर्फ एक मुकाबला जीतने की जरूरत थी। कजाकिस्तान की इरिना कुजनेत्सोवा के खिलाफ, वह 6-4 से विजेता बनकर उभरीं, लेकिन उत्तर कोरिया की ह्योन ग्योंग मुन ने उन्हें पछाड़ दिया, जो अपनी रक्षा में उत्कृष्ट थीं, उन्होंने भारतीय को हमला करने का कोई मौका नहीं दिया। एकमात्र भारतीय पहलवान जो सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच सकी वह निशा दहिया (68 किग्रा) थीं।

विनेश की जीत

विनेश ने एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर में महिलाओं के 50 किग्रा सेमीफाइनल में कजाकिस्तान की लौरा गैनिक्जी  को 10-0 से हराकर महिला 50 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल किया। उन्होंने 4:18 मिनट में लड़ाई जीत ली। अब उनका मुकाबला उज्बेकिस्तान की अक्तेंगे क्यूनिमजेवा से होगा, जिन्होंने चीनी ताइपे की मेंग ह्सुआन हसी को 4-2 से हराया है।

तकनीकी श्रेष्ठता के दम पर जीतीं अंशु मलिक 

वहीं, अंशु मलिक ने महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग में पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल किया। उन्होंने उज्बेकिस्तान की लैलोखोन सोबिरोवा को 11-0 से तकनीकी श्रेष्ठता से हराया। पूर्व में अंशु ने बिश्केक में अपने दोनों मुकाबले तकनीकी श्रेष्ठता के दम पर जीते थे।

विनेश की दमदार शुरुआत

विनेश ने महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग में कोरिया की प्रतिद्वंद्वी मिरान चियोन को एक मिनट 39 सेकेंड तक चले मुकाबले में हराया। उनकी मजबूत पकड़ का विरोधी खिलाड़ी के पास कोई जवाब नहीं था। अगले मुकाबले में विनेश ने कंबोडिया की एसमानांग डिट को महज 67 सेकेंड में हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। फाइनल में पहुंचने वाले दो पहलवानों को ओलंपिक कोटा मिलेगा। विनेश चयन ट्रायल में जीतने के बाद 50 किग्रा वर्ग में खेल रही हैं। अगर वह चूक भी जाती हैं तो 53 किग्रा वर्ग में दावेदार होंगी जिसमें अंतिम पंघाल ने कोटा हासिल किया है। अंतिम को एक और ट्रायल में उतरने के लिए कहा जा सकता है। 

अंशु को सीधे क्वार्टर फाइनल में मिला प्रवेश

विश्व चैंपियनशिप 2021 की रजत पदक विजेता अंशु को क्वार्टर फाइनल में सीधे प्रवेश मिला जिसमें उन्होंने किर्गिस्तान की कलमीरा बिलिमबेकोवा को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराया। वहीं, अंडर-23 विश्व चैंपियन रितिका ने 76 किग्रा वर्ग में युंजू हवांग को हराया। पहला दौर उन्होंने तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीता। इसके बाद मंगोलिया की दावानासान एंख एमार को भी इसी तरह से मात दी। चीन की जुआंग वांग के खिलाफ आखिरी ग्रुप मुकाबले में उन्होंने 8-2 से जीत दर्ज की। मानसी अहलावत (62 किग्रा) भी अंतिम चार में पहुंच गईं। उन्होंने कजाखस्तान की इरिना कुजनेत्सोवा को 6-4 से हराया। 

निशा दहिया को मिली हार

भारत की चार महिला पहलवानों ने जहां सेमीफाइनल में जगह पक्की की, जबकि एक अन्य पहलवान निशा दहिया (68 किग्रा) सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गईं। उन्होंने पहले दौर में उत्तर कोरिया की सोल गुम पाक को 8-3 से हराया। लेकिन इसके बाद लय बरकरार नहीं रख सकीं और किर्गिस्तान की मीरिम जुमानाजारोवा से हार गईं। पेरिस ओलंपिक का आखिरी विश्व क्वालीफायर तुर्किये में नौ मई से खेला जाएगा।

लय बरकरार रखने में विफल रहे अमन

अमन ने 57 किग्रा वर्ग में दबदबे वाला आगाज करते हुए अपने शुरुआती दो प्रतिद्वंद्वियों येरासिल मुख्तारुली और सुंगवॉन किम को तकनीकी श्रेष्ठता से हराया। वह हालांकि उज्बेकिस्तान के गुलोमजोन अब्दुल्लेव के खिलाफ इस लय को जारी रखने में विफल रहे और 10 अंकों से पिछड़ने के बाद हार गए। भारतीय कुश्ती जगत को अमन से काफी उम्मीदें थी क्योंकि उन्होंने अपने आयु वर्ग में मजबूत माने जाने वाले रवि दाहिया को शिकस्त देकर देश के प्रतिनिधित्व का मौका हासिल किया था।

 



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