Pm Modi Chairs Meet To Review Preparedness For Heat Wave Conditions – Amar Ujala Hindi News Live


भीषण गर्मी के पूर्वानुमान के बीच दिल्ली में पीएम मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। प्रधानमंत्री ने केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर सभी विभागों के अधिकारियों को तालमेल के साथ काम करने का निर्देश दिया है। 

PM Modi chairs meet to review preparedness for heat wave conditions

दिल्ली में अधिकारियों के साथ पीएम मोदी की बैठक
– फोटो : ANI

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देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी के पूर्वानुमान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लू की स्थिति के लिए तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर सभी विभागों से तालमेल के साथ काम करने का निर्देश दिया। दिल्ली में पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अप्रैल-जून के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक अधिक तापमान की संभावना के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया है कि मध्य पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में भीषण गर्मी और लू चलने की अधिक संभावना है।

तालमेल के साथ काम करें सभी अधिकारी- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर सरकार के सभी अंगों और विभिन्न मंत्रालयों को इस पर तालमेल के साथ काम करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने अस्पतालों में पर्याप्त तैयारी के साथ-साथ जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया। गर्मियों में अक्सर देखा जाता है कि जंगल धधकने लगते हैं। इस बारे में पीएम मोदी ने जंगल की आग का तुरंत पता लगाने और उसे बुझाने की आवश्यकता पर जोर डाला। 

‘क्षेत्रीय भाषाओं में हो सूचनाओं का प्रचार-प्रसार’

बैठक में टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया जैसे सभी प्लेटफार्मों के माध्यम से विशेष रूप से क्षेत्रीय भाषाओं में आवश्यक सूचना और संचार के प्रसार पर जोर दिया गया है। बैठक में कहा गया कि 2024 में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की उम्मीद है और इसी दौरान आम चुनाव भी हैं। इसलिए यह फैसला लिया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय और एनडीएमए द्वारा जारी सलाह का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कर व्यापक रूप से प्रसार किया जाए। बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह सचिव, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हुए।

मौसम विभाग ने जताई भीषण गर्मी की संभावना

भारत के मौसम विभाग ने हाल ही में कहा था कि भारत में अप्रैल से जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी होने की संभावना है और मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय हिस्सों पर इसका सबसे बुरा प्रभाव पड़ेगा।








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