The Speed Of The Earth’s Core Has Slowed Down, Scientists Confirmed – Now Moving In The Opposite Direction – Amar Ujala Hindi News Live


The speed of the Earth's core has slowed down, scientists confirmed - now moving in the opposite direction

अब उल्टी दिशा में घूम रहा पृथ्वी का कोर
– फोटो : Freepik

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हमारी पृथ्वी मुख्य रूप से तीन परतों में बनी है। जिसमें सबसे ऊपरी परत क्रस्ट, जिस पर हम रहते हैं। इसके बाद मेंटल है और तीसरी और सबसे अंदर की परत को पृथ्वी का कोर कहा जाता है। ये दो हिस्सों आंतरिक और बाहरी में विभाजित है। लेकिन वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि पृथ्वी का आंतरिक कोर धीमा होकर अब उल्टी दिशा में घूम रहा है।

रहस्य बना हुआ है पृथ्वी का आंतरिक कोर

पृथ्वी का आंतरिक कोर पृथ्वी के बाहरी रूप के अपेक्षाकृत स्वतंत्र रूप से घूमता है। इसे ऐसे मान सकते हैं जैसे कि एक बड़ा लट्टू एक बड़े लट्टू के अंदर घूम रहा हो, ऐसा क्यों हैं ये अभी भी एक रहस्य है। साल 1936 में डेनिश भूकंपविज्ञानी इंगे लेहमैन की खोज के बाद से, आंतरिक कोर ने सभी शोधकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। जिसमें इसकी गति – जिसमें घूर्णन गति और दिशा शामिल है जो दशकों से चली आ रही बहस का विषय रही है। लेकिन हाल में ही मिले सबूत बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में कोर का घूमना काफी बदल गया है, लेकिन वैज्ञानिकों की इस बात पर अलग-अलग मत हैं कि वास्तव में क्या हो रहा है और इसका क्या मतलब है।

ऐसे वैज्ञानिक जुटा रहे हैं आंकडे़

पृथ्वी के गहरे आंतरिक भाग का निरीक्षण या नमूना लेना तकरीबन असंभव है। जबकि अभी तक भूकंप विज्ञानियों ने इस क्षेत्र में आने वाले बड़े भूकंपों से तरंगों के व्यवहार की जांच करके पृथ्वी के आंतरिक कोर की गति के बारे में जानकारी जुटाई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अलग-अलग समय पर कोर से गुजरने वाली समान ताकत की तरंगों के बीच अंतर ने वैज्ञानिकों को आंतरिक कोर की स्थिति में परिवर्तन को मापने और इसके घूर्णन की गणना करने में मदद की है।

एक समय के लिए कोर और पृथ्वी गति हो गई थी समान

वहीं ऑस्ट्रेलिया के जेम्स कुक विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान की वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. लॉरेन वासजेक ने कहा, कि आंतरिक कोर के विभेदक घूर्णन को 1970 और 80 के दशक में एक घटना के रूप में प्रस्तावित किया गया था, लेकिन 90 के दशक तक भूकंपीय साक्ष्य प्रकाशित नहीं हुए थे। जबकि साल 2023 में प्रस्तावित मॉडल में एक आंतरिक कोर का वर्णन किया गया है जो पहले पृथ्वी से भी तेज घूमता था लेकिन अब धीमी गति से घूम रहा है। कुछ समय के लिए, आतंरिक कोर का घूमना पृथ्वी के घूमने से मेल खाता था। फिर, यह और भी धीमा हो गया, आखिरकार अपने आस-पास मौजूद की द्रव परतों के अनुरूप पीछे की ओर घूमने लगा।

हालांकि उस समय, कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि इसका शोध का समर्थन करने के लिए और अधिक आंकड़ों की जरूरत है। लेकिन अब, वैज्ञानिकों की एक अन्य टीम ने इस परिकल्पना के लिए नए सबूत पेश किए हैं। वहीं जर्नल नेचर में 12 जून को जारी नए शोध न केवल कोर के धीमे होने की पुष्टि की है और 2023 के पेश हुए प्रस्ताव का भी समर्थन किया है कि कोर की धीमी गति परिवर्तनों के दशकों पुराने पैटर्न का हिस्सा है। 

ज्यादातर लोहे और निकल से बना है आंतरिक कोर

बता दें कि पृथ्वी के अंदर लगभग 3,220 मील (5,180 किलोमीटर) गहराई में मौजूद, ठोस धातु का आंतरिक कोर एक तरल धातु के बाहरी कोर से घिरा हुआ है। ज्यादातर लोहे और निकल से बना, आंतरिक कोर सूर्य की सतह जितना गर्म लगभग 9,800 डिग्री फारेनहाइट (5,400 डिग्री सेल्सियस) होने का अनुमान है। वहीं शोधकर्ताओं ने मानना है कि जब कोर धीरे-धीरे घूमता है, तो मेंटल की गति बढ़ जाती है। इस बदलाव के कारण पृथ्वी तेजी से घूमती है और दिन की लंबाई कम हो जाती है।



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