नीरव मोदी
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भारत के भगोड़े नीरव मोदी की मुश्किल एक बार फिर बढ़ गई है। ब्रिटेन की अदालत ने मंगलवार को उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। नीरव पिछले पांच साल से जेल में है। लंबी कैद का हवाला देते हुए उसने पांचवीं बार याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने इस बार भी खारिज कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई के दौरान नीरव उपस्थित नहीं था। हालांकि, उसका बेटा और दोनों बेटियां जरूर गैलरी में उपस्थित थीं।
न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कही यह बात
अदालत में नीरव के वकील ने दलील दी कि आखिरी जमानत आवेदन साढ़े तीन साल पहले दिया गया था। लंबे समय बाद जमानत देने की परिस्थितियों के लिए अनुकूल बदलाव आया है। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश जॉन जानी ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि मैं संतुष्ट हूं कि जमानत के खिलाफ पर्याप्त आधार हैं। अगर इसे रिहा किया जाएगा तो हो सकता है न्याय प्रभावित हो जाए। न्यायाधीश ने कहा कि हो सकता है कि जमानत के बाद नीरव कोर्ट में उपस्थित न हो। आशंका है कि नीरव गवाहों के साथ भी हस्तक्षेप कर सकता है। न्यायाधीश ने आगे कहा कि नीरव के ऊपर एक बहुत बड़ी धोखाधड़ी का आरोप है। इन्हें जमानत नहीं दी जा सकती। आवेदन अस्वीकार किया जाता है।
ईडी-सीबीआई के अधिकारी भी सुनवाई के लिए पहुंचे थे लंदन
नीरव की जमानत याचिका की सुनवाई के लिए भारत से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक संयुक्त टीम पहुंची भी वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट पहुंची थी। उन्होंने अदालती कार्यवाही का पालन किया। गौरतलब है कि भारत में नीरव के खिलाफ आपराधिक मुकदमों के तीन सेट हैं। पहला पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ धोखाधड़ी का सीबीआई मामला। दूसरा, धोखाधड़ी की आय से कथित मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित ईडी का मामला। तीसरा, सीबीआई की कार्रवाई में सबूतों और गवाहों के साथ छेड़छाड़ का मामला।
ज्वेलरी डिजाइनर नीरव मोदी पर यह आरोप
वर्ष 2018 में देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी में 114 अरब रुपये का घोटाला सामने आया। उस समय पीएनबी ने आरोप लगाया था कि अरबपति ज्वेलरी डिजाइनर नीरव मोदी ने बैंक की मुंबई स्थित एक शाखा से फर्जी तरीके से शपथ पत्र हासिल कर अन्य भारतीय बैंकों से विदेशों में पैसा हासिल कर लिया। देश का सबसे बड़े बैंकिंग घोटाला कहे जाने वाले इस मामले में पीएनबी ने अपने दस अधिकारियों को निलंबित करते हुए और सीबीआई से इसकी शिकायत की थी। घोटाले की खबर सामने आने के बाद पीएनबी के शेयरों में करीब दस फीसदी की गिरावट आई, जिससे निवेशकों के करीब 4000 करोड़ रुपये डूब गए।
नीरव मोदी के मामले में अब तक कब-क्या हुआ?
- 29 जनवरी, 2018- पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और अन्य आरोपियों के खिलाफ 280 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। मामला दर्ज होने से पहले ही एक जनवरी को नीरव मोदी भारत छोड़कर चले गए थे।
- 5 फरवरी 2018- सीबीआई ने घोटाले की जांच शुरू की।
- 16 फरवरी 2018- ईडी ने नीरव मोदी के आवास और कार्यालयों से करोड़ों रुपये मूल्य के हीरा, सोना और जेवरात की जब्ती की।
- 17 फरवरी 2018- सीबीआई ने मामले में पहली गिरफ्तारी की। पीएनबी के दो कर्मचारियों और नीरव मोदी समूह के अधिकारी को हिरासत में लिया गया।
- 17 फरवरी 2018- सरकार ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के पासपोर्ट को चार हफ्ते के लिए सस्पेंड किया।
- 21 फरवरी 2018- सीबीआई ने नीरव मोदी की कंपनी के सीएफओ और दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया। अलीबाग में उसके फार्महाउस को भी सील किया गया।
- 22 फरवरी 2018- ईडी ने नीरव मोदी और उसकी कंपनी से जुड़ी नौ महंगी कारें जब्त की।
- 27 फरवरी 2018- मजिस्ट्रेटी अदालत ने नीरव मोदी के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
- 2 जून 2018- इंटरपोल ने धनशोधन के लिए नीरव के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया।
- 25 जून 2018- नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए ईडी ने मुंबई की एक अदालत का रुख किया।
- 3 अगस्त 2018- भारत सरकार ने ब्रिटेन को नीरव के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध पत्र भेजा।
- 20 अगस्त 2018- लंदन में नीरव के होने की खबर के बाद सीबीआई अधिकारियों ने मैनचेस्टर इंटरपोल से उसे हिरासत में लेने का अनुरोध किया।
- 27 दिसंबर 2018- भारत को सूचित दी गई कि नीरव मोदी ब्रिटेन में रह रहा है।
- 9 मार्च 2019- ब्रिटेन के अखबार ‘टेलीग्राफ’ के संवाददाता का लंदन की सड़कों पर नीरव मोदी से सामना हुआ और उसके देश में होने की पुष्टि हो गयी।
- 9 मार्च 2019- ईडी ने कहा कि ब्रिटेन सरकार ने नीरव के लिए प्रत्यर्पण का अनुरोध पत्र आगे की प्रक्रिया के लिए ब्रिटेन की अदालत को भेजा है।
- 18 मार्च 2019- लंदन में वेस्टमिंस्टर अदालत ने नीरव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
- 20 मार्च 2019- लंदन में नीरव मोदी गिरफ्तार हुआ उसे वेस्टमिंस्टर अदालत में पेश किया गया। उसे जमानत नहीं मिल पाई।
- 20 मार्च 2019- नीरव को 29 मार्च तक के लिए वेंड्सवर्थ जेल भेजा गया।
- 29 मार्च 2019- लंदन में वेस्टमिंस्टर की अदालत ने नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज खारिज कर दी।
- 8 मई 2019- नीरव मोदी की जमानत याचिका तीसरी बार खारिज की गई।
- 12 जून 2019- नीरव की जमानत अर्जी चौथी बार फरार होने की आशंका के कारण खारिज कर दी गई
- 22 अगस्त 2019- नीरव मोदी की हिरासत अवधि 19 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी गई।
- 06 नवंबर 2019- ब्रिटेन की अदालत ने नीरव की जमानत अर्जी खारिज की।
- 11 मई 2020- पीएनबी मामले में पांच दिनों के लिए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई ब्रिटेन में शुरू हुई।
- 13 मई 2020- भारत सरकार ने धन शोधन मामले में नीरव मोदी के खिलाफ और सबूत मुहैया कराए
- 7 सितंबर 2020- ब्रिटेन की अदालत को मुंबई की आर्थर रोड जेल से संबंधित वीडियो मुहैया कराया गया।
- 1 दिसंबर 2020- नीरव मोदी की हिरासत अवधि फिर बढ़ी
- 8 जनवरी 2021- ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में फैसला सुनाने के लिए 25 फरवरी की तारीख तय की।
- 25 फरवरी 2021- ब्रिटेन की अदालत ने कहा कि नीरव मोदी को धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
- 16 अप्रैल, 2021- ब्रिटेन की गृहमंत्री ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दी।
- 23 जून, 2021- पंजाब नेशनल बैंक से संबंधित लगभग दो अरब डॉलर के घोटाले में वांछित नीरव मोदी ने अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर की इस अपील को ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी।
- 19 अक्टूबर, 2021- नीरव मोदी को झटका देते हुए अमेरिका की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी और उसके दो साथियों की उस याचिका को ठुकरा दिया, जिसमें उन्होंने तीन कंपनियों के एक न्यास की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज करने का अनुरोध किया था।
- 12 अक्टूबर, 2022- लंदन उच्च न्यायालय ने कहा कि भारत एक मित्र देश है और ब्रिटेन को भारत सरकार के उन आश्वासनों में खामियां नहीं ढूंढनी चाहिए कि धोखाधड़ी और धनशोधन से संबंधित मुकदमे के दौरान हीरा कारोबारी नीरव मोदी को मुंबई की आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी।
- 09 नवंबर, 2022- ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया और नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया।