अमेरिका के एनएसए जैक सुलिवन
– फोटो : ANI
विस्तार
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन अगले सप्ताह अब भारत नहीं आएंगे। उन्होंने ईरान-इस्राइल संकट को देखते हुए अपनी यात्रा स्थगित कर दी है।
बहुआयामी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध
अमेरिका दूतावास के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि एनएसए सुलिवन आईसीईटी वार्षिक समीक्षा जल्द से जल्द आयोजित करने के लिए तत्पर हैं। इसके अलावा, वह भारत के साथ गहरी परिणामी और बहुआयामी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रतिबद्ध हैं।
भारतीय-अमेरिकी लोगों के हित में काम करना रहेगा जारी
प्रवक्ता ने आगे कहा कि इसी तरह राष्ट्रपति बाइडन भी क्वाड नेताओं की अगली बैठक का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय-अमेरिकी लोगों के हित में काम करने के लिए भारत के साथ हमारे प्रयास जारी रहेंगे। साथ ही एक स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करना जारी रखेंगे।
पहले भी स्थगित कर चुके हैं यात्रा
इससे पहले बताया जा रहा था जैक सुलिवन 17 अप्रैल को दिल्ली पहुंचेंगे और 18 अप्रैल को उनकी बैठक होगी। हालांकि अब उनकी यात्रा स्थगित कर दी गई है। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है। सुलिवन पहले इस साल फरवरी में भारत आने वाले थे, लेकिन यक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में उभरे संकट की वजह से वह दौरा स्थगित हो गया था। मई 2022 में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच आईसीईटी समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देश उभरती हुई प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग करेंगे।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से पूछा गया था कि अमेरिका पूर्वी एशिया में संधि सहयोगियों के साथ मजबूत होती सैन्य, रक्षा और सुरक्षा साझेदारी के संदर्भ में भारत के बारे में क्या सोच रहा है और क्या अमेरिका भारत को इस नेटवर्क के हिस्से के रूप में देखता है। इस पर अधिकारी ने कहा था, ‘मेरा मानना है कि यदि आप राष्ट्रपति से पूछें, तो एक चीज जिस पर उन्हें सबसे अधिक गर्व है, वह है अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंध बनाने के उनके प्रयास। मेरा मानना है कि हिंद-प्रशांत एवं हिंद महासागर तथा प्रौद्योगिकी जैसे अहम मुद्दों पर अमेरिका और भारत पहले से कहीं अधिक एकसाथ मिलकर काम कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा था, ‘मैं बस इतना कहूंगा कि मुझे लगता है कि अमेरिका-भारत संबंध सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं और हर संभव क्षेत्र में जैसे सुरक्षा, खुफिया, प्रौद्योगिकी, लोगों के बीच आपसी भागीदारी का स्तर शानदार रहा है।’